स्कूलों से रेगुलर शिक्षक गायब तो अतिथि शिक्षक स्कूल खोलकर बैठे।
सीहोर कलेक्टर ने 7.बजकर 30. मिनट को स्कूलों में पढ़ाई करवाए जाने के आदेश निकाले,जब सीहोर कलेक्टर . के बाला गुरु , के आदेश का सीहोर जिले के कितने स्कूलों के शिक्षकों ने
पालन किया यह देखने के लिए सीहोर जिले के विकास खंड भेरूंदा नसरुल्लागंज के आधा दर्जन से अधिक स्कूलों का अचानक निरीक्षण पत्रकारों द्वारा सुबह 9. बजे के बाद किया तो पता चला कि सीहोर कलेक्टर के आदेश का शिक्षकों पर कोई असर नहीं है क्यों कि कोई स्कूल समय पर नहीं खुल रहे ओर न ही शिक्षक स्कूल समय पर पहुंच रहे।
लाडकुई संकुल केंद्र के प्राथमिक विद्यालय सिंहपुर की बात करे तो दो अतिथि शिक्षक छुट्टी पर और एक शिक्षक जेमनी 9/बजकर 30.मिनट तक आते हैं
वहीं जब अगले स्कूल पत्रकार पहुंचे
8.बजकर 59. मिनट को तो एक गेस्ट महिला शिक्षक स्कूल खोलकर बैठी मिली उनसे पूछा कितने शिक्षक हैं स्कूल में तो बताया गया 6.तीन अतिथि तीन रेगुलर हम तीन अतिथि आए हैं दो गांव में बच्चों को बुलाने गए हैँ
जो तीन रेगुलर है अभी तो नहीं
आए और स्कूल बच्चे आते नहीं हैं। वहीं हाई स्कूल सनकोटा, में
- शिक्षक में से 5.स्कूल में
मिले लेकिन प्राचार्य हनुमत
कुमार उइके नदारत पाए गए एक शिक्षक जगदीश कुमार साहू का रजिस्टर में आवेदन तो मिला लेकिन सी एल कही नहीं लगी मिली तीन अतिथि
शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे,। उपस्थित शिक्षक बरेला से पूछा गया तो उनका साफ कहना है कि छुट्टी के आवेदन कोई भी
शिक्षक दे अवकाश स्कूल में हाजरी रजिस्टर प्राचार्य ही
मेंटेनेंस करते हैं। प्राचार्य को कॉल किया तो उन्होंने उठाया ही नहीं इससे साफ नज़र आता है कि ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षक अपनी मन मर्जी से स्कूल जाते हैं बच्चो का भविष्य क्या होगा इसका अंदाजा इन स्कूलों से लगाया जा सकता है
