बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में बैठक आयोजित

कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों को बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन के संबंध में दिये आवश्यक दिशा निर्देश

बाढ़ के दौरान त्वरित सूचना और कुशल प्रबंधन से रोकी जा सकती है जान-माल की क्षति- कलेक्टर

सीहोर, 13 मई, 2025

   बाढ़ एवं अन्य आपदाओं के दौरान त्वरित सूचना और कुशल प्रबंधन से जान-माल की हानि को रोका जा सकता है या क्षति को कम से कम किया जा सकता है। यह बात कलेक्टर श्री बालागुरू के ने जिले में बाढ़ की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों व पूर्व तैयारियों के लिए जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि बाढ़ एवं अन्य आपदा से निपटने के लिए सभी अधिकारियों की तैयारी इस प्रकार होनी चाहिए कि किसी भी समय किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों में समन्वय होना चाहिए।

  कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलगंगा संवर्धन अभियान के तहत नालों की सफाई की जाए तथा नालों से अतिक्रमण हटाया जाये ताकि बारिश के दौरान जलभराव न हो और पानी की निकासी सरलता से हो सके। उन्होंने कहा कि पहले के अनुभव से ऐसे स्थान जहां पर तेजी से जलभराव होता है वहाँ पहले से ही आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली जाएं। उन्होंने सूचना तंत्र को सक्रिय बनाने के लिए कोटवार, पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक तथा अन्य कर्मचारियों का नेटवर्क तैयार कर सक्रिय रखने के निर्देश दिए, ताकि आपदा की तुरंत सूचना प्राप्त हो और जल्द से जल्द राहत की कार्यवाही की जा सके। 

  कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने आपदा के समय प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए शासकीय भवनों एवं स्थानों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए ताकि अस्थायी शिविर बनाए जा सकें। उन्होंने नर्मदा किनारे के गोताखोरों के मोबाइल नम्बर व नाव की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सम्पर्क किया जा सके। कलेक्टर श्री बालागुरू के ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्य अमले की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर, ओआरएस घोल, उल्टी दस्त की दवाइयां आदि पर्याप्त मात्रा में रखी जाएं।

  कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने कहा कि जिले में बाढ़ आपदा के समय पहुंचविहीन ग्रामों में दवाओं का स्टॉक व डॉक्टर्स की व्यवस्था पहले से ही कर ली जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ एवं आपदा की सूचना के लिए जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाए है। इसके साथ ही सभी अनुभागों में कन्ट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए, ताकि आपदा की तत्काल सूचना प्राप्त हो सके और राहत एवं बचाव की कार्यवाही की जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन को लेकर जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाना है, उनके ड्यूटी ऑर्डर समय पर जारी किए जाएं।  बैठक में उन्होंने कहा की आपदा प्रबंधन को लेकर होमगार्ड अपनी पूरी टीम के साथ सभी व्यवस्थाएं तैयार रखें।

  कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करें। उन्होंने कहा कि अस्थाई शिविर, कन्ट्रोल रुम, कैम्प, स्थानीय निकाय एवं थाने के नम्बर अनिवार्य रुप से उपलब्ध होना चाहिए। प्रभावित ग्रामों में बाढ़ संबंधी आपदा से राहत के लिए गांव के सरपंच, सचिव, पटवारी एवं शिक्षक के मोबाईल नम्बर उस तहसील के कन्ट्रोल रूम की जानकारी सभी को होना चाहिये। राजस्व अधिकारी उन गांवों को अभी से ही चिन्हांकित कर सूची बना लें जो नदी एवं नालों के किनारे है तथा जो बाढ़ से प्रभावित हो सकते है। उन्होंने कहा कि अतिवर्षा के समय प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए स्थानों को चिन्हांकित कर लिया जाए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री डॉ नेहा जैन, अपर कलेक्टर श्री वृंदावन सिंह, संयक्त कलेक्टर सुश्री वंदना राजपूत, श्री आनन्द सिंह राजावत, एसडीएम श्री तन्मय वर्मा तथा डिप्टी कलेक्टर श्री सुधीर कुशवाह सहित सभी संबंधित विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।

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